मौसम का मिज़ाज ही कुछ और है सर्दी गरमी और बरसात इन तीनों मौसम में ठंड का मज़ा कुछ और ही है इस वर्ष लम्बी समय तक बारिश से लोग परेशान थे जिस वजह से ठंड का आभास नहीं हो रहा था परंतु जब साल की खत्म होते होते माह दिसम्बर में जब ठंड ने दस्तक दी तो लोग सिगड़ी के सहारे सर्दी दूर करने लगे।
ठंड से ठिठुरते आम जिंदगी एक कम्बल और साल के साथ कैसे गुजार लेते हैं ऐसे में सिगड़ी ही उनका मुख्य सहारा होता है, परंतु उससे भी बड़ी बात यह है कि रोजमर्रा की काम की तलाश में निकलने वाले लोग की तो बात ही निराली है क्या पानी क्या बरसात उनके सामने तो सर्दी गरमी सभी घुटने टेक देती है।
एक ओर ट्राइबल एरिया की बात करें तो यहाँ की दिनचर्या की अगर बात करें तो कुछ और ही है कड़ी ठंड के बीच फावड़ा गैती लेकर सुबह सुबह अपने खेतों में काम करते नजर आते हैं।