कोरोना वायरस की टीका बनाने में कामयाबी हासिल।coronavirus vaccine,vaccine for coronavirus,vaccine for coronavirus by america

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कोरोनावायरस की दवा coronavirus vaccine
लगातार अमेरिकी शोधकर्ताओं की पुरजोर कोशिश पश्चात् आखिरकार अमरीकी शोधकर्ताओं ने सोमवार को कोरोना वायरस के पहले टीके का पहला परीक्षण किया। अमरीका के सियाटल में एक महिला को पहली बार कोरोना वैक्सीन (coronavirus vaccine) की सूई दी गई। सियाटल के रिसर्च इंस्टीट्यूट में एक चिकित्साकर्मी ने कोविड-19 का टीका एक महिला को लगाया। यह वैक्सीन दुनिया में रिकॉर्ड टाइम में विकसित किया गया है। चीन में इस बीमारी का पता चलने के बाद केपीडब्ल्यू रिसर्च इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिक इस वैक्सीन को विकसित करने में जी-जान से लगे थे। हाल के कुछ महीनों में मानवता का दुश्मन बनकर उभरे इस बीमारी से बचने के लिए भारत समेत दुनिया भर के कई देशों में वैक्सीन विकसित किए जा रहे हैं। इस संस्थान की डॉक्टर लिजा जैक्सन ने परीक्षण से पहले कहा कि अब हम टीम कोरोना वायरस हैं। उन्होंने कहा कि इस आपातकाल में हर शख्स कुछ करना चाहता है जो वो कर सकता है।
अमरीकी राष्ट्रपति donald trump ने इस कामयाबी के लिए अपने देश के डॉक्टरों की तारीफ की है। उन्होंने कहा है कि इसका क्लिनिकल ट्रायल शुरू किया जा चुका है, यह दुनियाभर में अबतक सबसे जल्दी विकसित किया गया टीका है. उन्होंने कहा कि अमेरिका इस बीमारी के खिलाफ एंटी वायरल और दूसरे थेरेपी भी विकसित करने के लिए तेजी से कदम बढ़ा रहा है। आपको बता दें कि कोरोना वायरस अबतक दुनिया भर में 7000 से ज्यादा लोगों को शिकार बन चुका है. चीन से निकली ये बीमारी दुनिया के 145 देशों में फैल चुकी है, लेकिन वैज्ञानिक इसका टीका नहीं विकसित कर पाए हैं।
covid19 का पहला टीका जेनिफर हैलर नाम की एक महिला को दिया गया, जो कि एक टेक कंपनी में ऑपरेशन मैनेजर है। महिला ने कहा, "हम सभी असहाय महूसस कर रहे थे, ये कुछ करने के लिए मेरे पास शानदार मौका है। सूई लेने के बाद दो बच्चों की मां जेनिफर ने मुस्कुराते हुए कहा कि मैं शानदार महसूस कर रही हूं। इस महिला के अलावा तीन और लोगों को टीका दिया जाएगा। अब वैज्ञानिक इस वैक्सीन के असर का अध्ययन कर रहे हैं,वैज्ञानिकों के सामने अब ये साबित करने की चुनौती है कि ये टीका सुरक्षित है और सफलतापूर्वक संक्रमण को रोक पाता है।
हालांकि अगर ये परीक्षण सफल भी हो जाता है तो भी बाजार में वैक्सीन को आने में 12 से 18 महीने लगेंगे. क्योंकि इस टीके का असर समझने में कई महीने लग सकते हैं. इस परीक्षण के लिए 18 से 55 साल के 45 स्वस्थ लोगों का चयन किया गया है. इन पर 6 हफ्ते तक टीके के असर का अध्ययन किया जाएगा|दुनियाभर में कोरोना वायरस आपदा बनकर टूटा हुआ है। WHO ने इसे महामारी घोषित किया है। इससे अब तक 7000 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। अमेरिका में भी कोरोना वायरस से 60 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है। अमेरिका ने कोरोना वायरस के टीके का परीक्षण शुरू कर दिया है। सोमवार को पहले शख्स पर इस टीके का प्रयोग किया गया है। यह दुनियाभर में सबसे जल्दी विकसित किया जाने वाला टीका है। चीन से दुनिया के 141 देशों में फैले कोरोना का अभी तक टीका या निश्चित दवा विकसित नहीं हुई है। ऐसे में अगर अमेरिका सफल होता है तो यह बड़ी बात होगी। हालांकि इस टेस्ट में समय लगेगा। इस प्रयोग की स्टडी लीडर डॉ. जैकसन ने बताया कि कोरोना वायरस जैसी आपदो को दूर करने के लिए हर प्रयास किए जा रहे हैं।

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