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ग्राम जिड़ार मेला-मड़ाई का नजारा देखने लायक रहा|देवी-देवताओ सहित उमड़ी लोगों की भीड़।madai mela in hindi,chhattisgarh mela,cg ke pramukh mele,

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मैनपुर । गरियाबंद जिले के ब्लाॅक मुख्यालय मैनपुर (mainpur) से पांच किलोमीटर दूर कुल्हाड़ी घाट गढ़चिरौली मार्ग पर स्थित ग्राम पंचायत जिड़ार ( jidar ) में मड़ाई-मेला का आयोजन किया गया।
madai mela (मड़ाई मेला) का कार्यक्रम लोगों की सुख-समृद्धि भावना से की जाती है। सभी गांवों की झांकर बैगा पुजारी को नारियल सुपारी भेंट कर आमंत्रित किया जाता है, क्षेत्र की सभी गांवों से देवी देवताओं की आगमन होती है, देवी देवताओं के साथ गांव की झांकर बैगा पंच प्रमुखों की भी आगमन होती है।
ग्राम जिड़ार में यह साल का पहला मेला है यही वजह है कि लोगों की भीड़ ज्यादा देखने को मिला। देवी देवताओं की नृत्य देखने लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी।गड़वा बाजा निसान मोहरी के साथ देवता नृत्य करते नजर आए।
माना जाता है कि छत्तीसगढ़ आदिवासी बहुल क्षेत्र होने से यहां के लोग देवी देवताओं पर श्रद्धा विश्वास रखते हैं और उन्हीं की पूजा करते हैं,मेला प्रारंभ होने के एक दिन पूर्व चंडी देवी की पूजा की जाती है,बकरे की बलि दी जाती है एवं रात भर जागकर मेला की शुभारंभ की जाती है जिसे लोग मातर जगना भी कहते हैं।
मेला देखने के लिए लोग अपने ससुराल गई बेटी-दामाद रिस्तेदार एवं यार दोस्तों को बुलाते हैं लोग दूर-दूर से मेला देखने आते हैं।
मड़ाई मेला का कार्यक्रम मुख्य रूप से एक ही दिन का होता है परंतु मेला के एक दिन पूर्व से लोग मड़ाई स्थल (मड़ाई भाटा) में इकट्ठे होकर चंडी माता की पूजा करते हैं। दूसरे दिन मेला कार्यक्रम जिसमें दूर-दूर से व्यापारी आकर अपनी दुकान सजाते हैं सर्कस झूला आदि भी होती है। तीसरे दिन को स्थानीय बोली में हटरी कहा जाता है इस दिन भी व्यापरी अपना सामान बेचते हैं लोग अपने बच्चों के लिए कपड़े रंग बिरंगे खिलौने खरीदते हैं।लोग मेला का खुब आनंद लेते हैं इस तरह मड़ाई मेला का आयोजन सम्पन्न होता है।
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