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सुप्रीम कोर्ट में आईएनएक्स मीडिया घोटाले मामले पर पी चिदंबरम की बुधवार को जमानत पर सुनवाई होनी थी परंतु जमानत याचिका खारिज कर दी गई।पी चिदंबरम जी इस देश के सबसे वरिष्ठ वकील हैं। कांग्रेश वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी का बयान भी सामने आया है उनके साथ ये व्यवहार कानून के साथ सबसे बड़ा खिलवाड़ है ।
आईएनएक्स मीडिया घोटाले से जुड़े मनी लान्ड्रिंग मामले में आरोपी बनाए गए पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदंबरम को बुधवार को भी जमानत याचिका खारिज कर दी गई है। पी चिदंबरम की तरफ से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने बताया कि हाईकोर्ट ने जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा है कि लोगों के बीच चिदंबरम को रिहा करने का गलत संदेश जाएगा, मानो चिदंबरम साहब कोई रंगा-बिल्ला सरीखा अपराधी है।
कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी ने जस्टिस आर भानुमति की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ के समक्ष अपनी दलीलें रखीं।
पी चिदंबरम हिरासत में करीब 98 दिन बिता चुके हैं जबकि चिदंबरम के खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं हैं। वकील अपील सिब्बल ने सवाल किया कि इस तरह तो पूरे ट्रायल के दौरान चिदंबरम को जमानत नहीं दी जाएगी। जांच एजेंसी को उनके खिलाफ न ईमेल मिले हैं और न ही कोई एसएमएस।
सिब्बल ने कहा कि हाईकोर्ट ने अपराध की गंभीरता को देखते हुए जमानत देने से इनकार कर दिया, गुरुवार को ईडी की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता भी ईडी का पक्ष अदालत के समक्ष रखेंगे।
सिब्बल और सिंघवी ने कहा कि हाईकोर्ट ने ट्रिपल टेस्ट थ्योरी (बाहर भागने, सबूत नष्ट करने और गवाहों को प्रभावित करने की आशंका) को नजरअंदाज कर दिया। लेकिन अपराध को गंभीर बताते हुए जमानत देने से इनकार कर दिया, जबकि चिदंबरम के खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं हैं।
वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा है की जब तक स्थिति गंभीर ना हो तो सुप्रीम कोर्ट को जमानत देने से इनकार नहीं करना चाहिए था।
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