कृषि ज्ञान मंच doinfo news | कृषि परिचर्चा में आपका स्वागत है |krishi gyan kendra,krishi gyan online test,krishi knowledge,krishi portal,


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नमस्कार 🙏 doinfo news की "कृषि ज्ञान मंच" में आपका स्वागत है। आज हम उन विषय पर चर्चा करेंगे जिसको हमारे देश की किसान भाइयों को जानना अति आवश्यक है। हमारे चैनल पर कृषि ज्ञान मंच एपिसोड में हर हफ्ते किसान भाइयों की ज्ञानवर्धक लेख पोस्ट किए जाते हैं।
  आज की इस एपिसोड में किसानों की कृषि कार्य में आने वाली लागत और आमदनी पर मुख्य चर्चा है, हमारे भारत देश में किसानों की लागत पर यदि परिचर्चा करें तो सबसे पहले धान की खेती पर होती है हमारा देश कृषि प्रधान देश है और सबसे अधिक उत्पादन धान की फसल की होती है। परंतु दुर्भाग्य की बात यह है कि देश की किसान आज की आधुनिक युग में भी खुशहाल नहीं है क्योंकि किसानों को दो तरफा मार पड़ती है एक तो मौसम की और दूसरी राजनीतिक।
 धान की फसल उगाने से लेकर मंडी तक ले जाने की कुल लागत।

  • 1) खेत की जुताई का खर्च आज की युग में महंगे इंधन के चलते ट्रैक्टर से जुताई करना बहुत ही महंगा हो चुका है।
  • 2)जैसे ही किसान खेत में बीज बोता है तो सबसे पहली बात आती है उर्वरक एवं खाद की आज की डेट में उर्वरक दिनों दिन महंगी होती जा रही है।
  • 3) उसके बाद आती है कीट प्रबंधन एवं रोग प्रबंधन फसल में लगे कीट और रोगों की रोकथाम के लिए अनेकों प्रकार की दवाइयां उपयोग में लाई जाती हैं इसके बिना धान की खेती करना नामुमकिन सा हो गया है और कितना सी दवाइयां बहुत ही महंगी दरों पर मिलती।
  • 4) धान की रोपाई पद्धति से भी फसल उत्पादन करना काफी महंगी लागत मैं होती है क्योंकि कृषि मजदूरी के लिए मजदूर मिलना नामुमकिन सा होती जा रही है और मजदूर को ज्यादा राशि देना किसानों के लिए बहुत बड़ी मुसीबत है।
  • 5) इसके बाद नींदाई-गुड़ाई का कार्य भी बहुत भारी लागत में हो पाती है।
  • 6) फसल कटाई में मजदूर की आवश्यकता होती है जोकि कृषि मजदूरी के लिए मजदूर मिलना नामुमकिन सा होती जा रही है एवं इस कार्य के लिए भी मजदूरी राशि देना बहुत महंगी साबित हो रही है।
  • 7) फसल कटाई के बाद मंडाई का कार्य भी आधुनिक पद्धति से की जाती है जिससे समय की बचत होती है परंतु इंधन की बढ़ते कीमत एवं खपत की वजह से मण्डाई कार्य में भी अधिक लागत की सामना करना पड़ता है।
  • 8) उसके बाद आती है मंडी तक ले जाने का परिवहन खर्च।

   समग्र रूप से यदि देखा जाए तो आज की युग में कृषि कार्य करना कोई सरल कार्य नहीं है। किसानों की सूत्रों के मुताबिक माने तो धान की फसल उत्पादन करने में कुल लागत प्रति किलो ₹25 से ₹30 तक आती है।
ऐसे में देश की किसान कैसे खुशहाल जीवन यापन कर सकता है यदि उनको लागत की पूरी कीमत ना मिले।
इधर धान की न्यूनतम समर्थन मूल्य की अगर बात करें तो ₹18 प्रति किलो के आसपास निर्धारित है।
यदि आपकी भी कोई विचार हो तो आप हमें निम्न पते पर अपना लेख प्रेषित कर सकते हैं आपके विचारों को कृषि ज्ञान मंच की अगली एपिसोड में समावेश की जाएगी।
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