मैंनपुर । गरियाबंद जिले के मैनपुर ब्लाक मुख्यालय से करीब 8 किमी. दूर झरिया बाहरा पंचायत आश्रित बोईर गांव में ( IPL ) indian potash private limited की ओर से किसान संगोष्ठी कार्यक्रम आयोजित किया। कार्यक्रम में क्षेत्र की किसानों ने भाग लेकर कार्यक्रम को सफल बनाया।
आपको बता दें कि यह कार्यक्रम दूरस्थ वनांचल क्षेत्र में संभव नहीं था परन्तु प्रदेश के वरिष्ठ कृषि अधिकारी अफर संचालक A.B. AASHNA साहब के प्रयाश से यह सब सम्भव हो सका।aashna साहब ने स्वयं किसानों को बताया कि इंडियन पोटाश प्राईवेट लिमिटेड ने अपने प्रोडक्ट की प्रदेश में वितरण हेतु लाइसेंस मांगी तो आसना साहब ने उनके सामने शर्त रखी कि दुरस्थ ग्रामीण क्षेत्र की किसानों के बीच किसान गोष्ठी कार्यक्रम करें ताकि किसानों को पोटाश की खेती में महत्त्व को समझ सके उसके उपयोगिता को कार्यक्रम के माध्यम से जान सके तभी लायसेंस जारी किया जायेगा।
कार्यक्रम में इंडियन पोटाश प्राईवेट लिमिटेड के वैज्ञानिक दिल्ली से डॉ. एस. के. बंसल साहब , अफर संचालक ए. बी. आसना साहब , गरियाबंद जिला कृषि अधिकारी कुशवाहा साहब , डॉ ईश्वर सिंग , अभिनव अग्रवाल एवं क्षेत्र के सभी किसान उपस्थित रहे।
डॉ. बंसल साहब ने किसानों को पोटाश की फसल में उपयोगिता एवं महत्त्व के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि फसल में पोटाश का संतुलित मात्रा में उपयोग करने से अधिक उत्पादन लिया जा सकता है , पौधों में पोटाश की छिड़काव से रोग प्रतिरोधक शक्ति का विकास होता है जिससे फसल में बिमारी लगने की संभावना कम हो जाती है।
उन्होंने बताया कि फसल लगाने के पूर्व या फसल लगाते समय पोटाश का उपयोग कर सकते हैं, साथ-साथ उन्होंने यह भी बताया कि पोटाश की खदान होती है उसे फैक्ट्री में नहीं बनाया जाता, पोटाश खदान से निकलती है।
संगोष्ठी कार्यक्रम में किसानों ने कृषि संबंधी जानकारी पुछे जिनका कृषि वैज्ञानिकों ने उचित जानकारी दी। अंत में किसानों को कृषि संबंधी प्रश्न पुछे गए सही जवाब देने वाले को इनाम दिया गया तथा कार्यक्रम में उपस्थित सभी किसानों को इंडियन पोटाश प्राईवेट लिमिटेड की ओर से पोटाश उर्वरक पुस्तिका एवं थैला भेंट की गई।
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आपको बता दें कि यह कार्यक्रम दूरस्थ वनांचल क्षेत्र में संभव नहीं था परन्तु प्रदेश के वरिष्ठ कृषि अधिकारी अफर संचालक A.B. AASHNA साहब के प्रयाश से यह सब सम्भव हो सका।aashna साहब ने स्वयं किसानों को बताया कि इंडियन पोटाश प्राईवेट लिमिटेड ने अपने प्रोडक्ट की प्रदेश में वितरण हेतु लाइसेंस मांगी तो आसना साहब ने उनके सामने शर्त रखी कि दुरस्थ ग्रामीण क्षेत्र की किसानों के बीच किसान गोष्ठी कार्यक्रम करें ताकि किसानों को पोटाश की खेती में महत्त्व को समझ सके उसके उपयोगिता को कार्यक्रम के माध्यम से जान सके तभी लायसेंस जारी किया जायेगा।
कार्यक्रम में इंडियन पोटाश प्राईवेट लिमिटेड के वैज्ञानिक दिल्ली से डॉ. एस. के. बंसल साहब , अफर संचालक ए. बी. आसना साहब , गरियाबंद जिला कृषि अधिकारी कुशवाहा साहब , डॉ ईश्वर सिंग , अभिनव अग्रवाल एवं क्षेत्र के सभी किसान उपस्थित रहे।
डॉ. बंसल साहब ने किसानों को पोटाश की फसल में उपयोगिता एवं महत्त्व के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि फसल में पोटाश का संतुलित मात्रा में उपयोग करने से अधिक उत्पादन लिया जा सकता है , पौधों में पोटाश की छिड़काव से रोग प्रतिरोधक शक्ति का विकास होता है जिससे फसल में बिमारी लगने की संभावना कम हो जाती है।
उन्होंने बताया कि फसल लगाने के पूर्व या फसल लगाते समय पोटाश का उपयोग कर सकते हैं, साथ-साथ उन्होंने यह भी बताया कि पोटाश की खदान होती है उसे फैक्ट्री में नहीं बनाया जाता, पोटाश खदान से निकलती है।
संगोष्ठी कार्यक्रम में किसानों ने कृषि संबंधी जानकारी पुछे जिनका कृषि वैज्ञानिकों ने उचित जानकारी दी। अंत में किसानों को कृषि संबंधी प्रश्न पुछे गए सही जवाब देने वाले को इनाम दिया गया तथा कार्यक्रम में उपस्थित सभी किसानों को इंडियन पोटाश प्राईवेट लिमिटेड की ओर से पोटाश उर्वरक पुस्तिका एवं थैला भेंट की गई।
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