hareli festival of chhattisgarh, Hareli Kab Hai 2023 हरेली त्यौहार

hareli festival of chhattisgarh.आ गया छत्तीसगढ़ में किसानों का त्यौहार

harei tihar, हरेली तिहार की हार्दिक शुभकामनाएं

hareli festival will be celebrated by chhattisgarh government

hareli tihar छत्तीसगढ़ का एक प्रमुख त्योहारों में से माने जाने वाला त्यौहार है यह त्यौहार विशेष इसलिए है कि छत्तीसगढ़ में ज्यादातर संख्या किसानों की है और इस त्यौहार को किसानों द्वारा मनाया जाने वाला त्यौहार कहा जाता है।

  • hareli festival of chhattisgarh हरेली तिहार की हार्दिक शुभकामनाएं

    आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ में 2019 में विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी के आने के बाद छत्तीसगढ़ शासन लगातार छत्तीसगढ़ के रीति-रिवाजों रहन-सहन वेशभूषा को एक प्रदर्शनी रूपरेखा तैयार करते हुए छत्तीसगढ़ सीएम भूपेश बघेल ने इस बार hareli festival को प्रमुखता से मनाने के लिए बड़ी जोर शोर से छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में तैयारी हो रही है, हरेली फेस्टिवल कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के मंत्री समेत सभी विधायक शामिल होने जा रहे हैं।

hareli festival of chhattisgarh छत्तीसगढ़ में पहली बार छत्तीसगढ़ के परंपरा रीति रिवाजों को महत्व देते हुए छत्तीसगढ़ शासन ने hareli festival पर शासकीय अवकाश घोषित कर दिया है इस दिन सभी शासकीय कार्यालय पर एक दिवसीय अवकाश मान्य रहेगा। hareli tihar पर छत्तीसगढ़ प्रदेशभर में पारंपरिक खेल का आयोजन किया जाएगा।

hareli festival को कैसे मनाया जाता है?

छत्तीसगढ़ में hareli festival किसानों द्वारा मनाया जाने वाला एक प्रमुख त्यौहार है hareli tyohar को श्रावण माह की अमावस्या को मनाया जाता है इस बार 2023 में 17 जुलाई 2023 को श्रावण अमावस्या हो रही है अतः 17 अगस्त 2023 दिन सोमवार को hareli tyohar प्रदेश भर में मनाया जाएगा। hareli tyohar में किसान लोग अपनी खेती में उपयोग होने वाली सभी अवजार की साफ सफाई कर उनकी पूजा-अर्चना किया जाता है जैसे की हल, फावड़ा, गैंती, बैल आदि की पूजा की जाती है।

hareli tyohar में किसान अपने खेत एवं फसल की भी पूजा करते हैं, अपनी फसल की हरा भरा रहने की कामना करते हुए खड़ी फसल में दशमूल की पौधा लगाकर धूप दीप चावल से पूजा की जाती है दशमूल की पौधा एक कांटेदार होती है जिसको लगाने से फसल को नुकसान पहुंचाने वाले कुछ जीव उसमें फंस कर नष्ट होते हैं तथा उनकी टहनी जमीन में गड़े होने से जमीन की पानी में उनके पौधे की रस तत्व फैलने से भी हानिकारक कीटाणु नष्ट हो जाते हैं प्राचीन काल में रासायनिक दवाइयों का उपयोग बहुत ही कम किया करते थे हरेली की दिन ही किसान लोग कई प्रकार की पेड़ पौधे को अपनी फसल क्षेत्र में लगाकर कीड़े मकोड़े का रोकथाम किया करते थे।
hareli festival के दिन  कोई भी किसान आपनी खेत में काम करने नहीं जाता है ।
छत्तीसगढ़ की सभी किसान बंधुओं को doinfo news की ओर से हरेली तिहार की हार्दिक शुभकामनाएं।