आषाढ़ पूर्णिमा 2019 गुरु पूर्णिमा का महत्व
ashadha purnima 2019 , guru purnima 2019
आज गुरु पूर्णिमा को लगेगी चंद्र ग्रहण
guru purnima 2019 |
आषाढ़ पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा कहा जाता है भारतवर्ष में आदिकाल से गुरु की महिमा का बखान करते आ रहे हैं बड़े-बड़े ऋषि मुनियों ने गुरु को आदर्श माना है और इसी के चलते इस पर्व को मनाने का प्रचलन भारतवर्ष में हुआ है।
significance of guru purnima
गुरु पूर्णिमा का पर्व आषाढ़ महीना की पूर्णमासी को मनाया जाता है गुरु को ही सर्वोच्च स्थान देने के लिए यह पर्व भारतवर्ष में सबसे बड़ी महत्वपूर्ण है क्योंकि माता पिता के बाद यदि कोई शिक्षा देने के लिए है तो वह गुरु ही होता है इसीलिए सर्वप्रथम माता पिता को ही गुरु माना जाता है उसके बाद देवगुरु जो शिक्षा दीक्षा प्रदान करता है उसे गुरु माना जाता है इसीलिए तो कहा जाता है कि-
"तमेव माता च पिता त्वमेव, त्वमेव बंधु च सखा त्वमेव, त्वमेव विद्या द्रविणं त्वमेव, त्वमेव सर्वं मम देव देव!"
"गुरुर ब्रह्मा , गुरुर विष्णु ,गुरुर देवो महेश्वरा ,गुरुर साक्षात परब्रह्मा, तस्मै श्री गुरुवे नमः!"
guru purnima speech in hindi
अर्थात गुरु को ही माता और पिता के समान दर्जा दिया गया हैं और गुरु ही बंधु है गुरु ही मित्र है गुरु ही विद्या है आओ गुरु ही सब कुछ है गुरु ही ब्रह्मा गुरु ही विष्णु है गुरु ही महेश्वर है और गुरु ही साक्षात इस ब्रह्मांड का मालिक है ऐसा वेद शास्त्रों ने कहा है और तथाकथित हिंदू जो संत हैं वह भी इस को मानते आ रहे हैं क्योंकि ग्रुप के शिक्षा के बिना सब कुछ अधूरा है गुरु को प्राप्त होने से जीवन सफल हो जाता है ऐसा वेद शास्त्रों ने बखान देखने को मिलता है।
guru purnima 2019
पूर्णिमा क्यों मनाया जाता है?
गुरु पूर्णिमा का पर्व गुरु और शिष्य का एक परस्पर प्रेम भावना और आदर व्यवहार सम्मान को उजागर करता है इसलिए हमारे लिए यह पर्व सबसे बड़ी खास पर्व है आज के दिन शिष्य अपने गुरु की मूर्ति या साक्षत गुरु के सामने उनकी पूजा याचना करता है जिससे उनकी मन को शांति मिलती है और देवी शक्ति की उजागर होती है अतः यह पर्व हमारे भारतवर्ष के लिए बड़े ही महत्वपूर्ण पर्व है।
आज 16 जुलाई 2019 को गुरु पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण लग रही है।
यह चंद्र ग्रहण पूरे छत्तीसगढ़ भर में दृश्य मान होंगी,
chandra grahan time
चंद्र ग्रहण का समय
सूतक 4:32 से
ग्रहण स्पर्श रात्रि 1:32
ग्रहण मध्य रात्रि 3:01
ग्रहण मोक्ष रात्रि 4:30